Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics
जय गणेश देव सभी भक्ति आरतियों में सबसे लोकप्रिय और आकर्षक आरती है। पारंपरिक रूप से महादेव शिव के पुत्र है| गणेश चतुर्थी इस वर्ष 05 सितम्बर शनिवार को है, मन जाता है की भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले सभी देवताओं में की जाती है। भगवान गणेश ज्ञान का सागर है और शुभ कार्यों को करते हुए आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हैं। इसलिए सभी पूजा और शुभ कार्यों को शुरू करते हुए भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics credits :
GANESH BHAJAN: JAI GANESH DEVA AARTI
SINGER: ANURADHA PAUDWAL
MUSIC DIRECTOR: ARUN PAUDWAL
LYRICS: TRADITIONAL
ALBUM: OM JAI JAGDISH HARE (AARTI SANGRAH)
MUSIC LABEL: T-SERIES
Ganesh ji ki Aarti Lyrics
मंत्र
व्रकतुंड महाकाय, सूर्यकोटी समप्रभाः। निर्वघ्नं कुरु मे देव, सर्व कार्ये रुधु सवर्दा।। ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्। उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्।।
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
THANK YOU