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Friday 21 August 2020

Aala Re Aala Ganesha Song Lyrics - Sachet Tandon | Poonam

August 21, 2020 0
Aala Re Aala Ganesha Song Lyrics - Sachet Tandon | Poonam

 Aala Re Aala Ganesha - Sachet Tandon

T - Series presenting "Aala Re Aala Ganesha" song which is Sung by Sachet Tandon and the music is given by Poonam. Get ready to welcome Bappa On this auspicious occasion of Ganesh Chaturthi, it's time to welcome Lord Ganesh in Bollywood style. Get ready to welcome Bappa with the song Aala Re Aala Ganesha.

Aala Re Aala Ganesha Song Lyrics : 

Singer : Sachet Tandon
Music : Poonam
Lyricist : Shabbir Ahmed
Music Produced by : Ganesh Waghela & Sanket Gaurav

Aala Re Aala Ganesha Song Lyrics - Sachet Tandon | Poonam

Aala Re Aala Ganesha Lyrics 

Tu hi jwala sa hai
Tu hi gwala sa hai
Hey re deva hai mushak sawari teri
Saare andheron mein tu ujala sa hai
Saari srishti hai deva abhaari teri

Aayein tere sharan
Deva chhu lein charan
Lalbaugcha raja Ganesha

Aala re aala re aala re aala re
Aala re aala Ganesha
Aala re aala Ganesha
Aala re ghar ghar Ganesha
Aala re aala Ganesha

1 2 3 4
Ganpati ki jai jaikaar
5 6 7 8
Ganpati humare sath
Ganpati bappa moreya

Deva re deva mere deva re deva
Teri aarti hum sab utarein
Teri aarti hum sab utarein

Deva re deva mere deva re deva
Teri aarti hum sab utarein
Teri aarti milkar utarein

Deva re deva mere deva re deva
Deva re deva mere deva re deva

Aayein tere sharan
Deva chhu lein charan
Lalbaugcha raja Ganesha

Aala re aala Ganesha
Aala re aala Ganesha
Aala re ghar ghar Ganesha
Aala re aala Ganesha

1 2 3 4
Ganpati ki jai jaikaar
5 6 7 8
Ganpati humare sath
9 10 11 12
Ganpati hai sabka pyara
13 14 15 16
Ganpati hai sabse bhola
17 18 19 20
Ganpati humare beech
Ganpati bappa moreya

Moreya bappa moreya
Moreya bappa moreya
Moreya re bappa moreya re
Moreya re bappa moreya re
Moreya re bappa moreya re
Moreya re bappa moreya re
Ganpati bappa moreya


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Monday 20 July 2020

Bhola mast malang song lyrics - Hansraj Raghuwanshi | Suresh Verma | By Bhola Bhandari Jodi | Savan Special 2020

July 20, 2020 0
Bhola mast malang song lyrics - Hansraj Raghuwanshi | Suresh Verma | By Bhola Bhandari Jodi | Savan Special 2020

Bhola mast malang  - Hansraj Raghuwanshi and Suresh Verma 

bhakti darshan HD presenting ":Bhola mast malange" song which is sung by Baba Hansraj Raghuwanshi and Suresh Verma. This song savan special to all shiv ji bhakt.
Bhola mast malang song lyrics - Hansraj Raghuwanshi | Suresh Verma | By Bhola Bhandari Jodi | Savan Special 2020


Bhola mast malang song lyrics Ctedits: 

Song - Mera Bhola Bhandari 2
Singer - Baba Hansraj Raghuwanshia and Suresh Verma 
Album - Mera Bhola Bhandari 2

Bhola mast malang lyrics


Mahelo Ki Rani Rajkumari
 Mahelo Ki Rani Rajkumari
 Kyu Bandh Gayi Tere Sang
 Kyu Bandh Gayi Tere Sang

 Tu Bhola Mast Malang 
Bhola Mast Malang
 Bhola Mast Malang 

Adiyo Gaura Ho Gayi Tang Adiyo 
Mera Bhola Mast Malang
 Adiyo Gaura Ho Gayi Tang Adiyo
 Yogu Yogu Se Teri Meri Kahani
 Yogu Yogu Se Teri Meri Kahani

 Tu Mera Deewana Main Teri Deewani
 Tu Mera Deewana Main Teri Deewani
 Kyu Na Rango Main Tere 
Rang Kyu Na Rango Main

 Tere Rang Tu Bhola Mast Malang
 Bhola Mast Malang 
Gaura Ne Beej Layi Hari Hari Mehndi
 Gaura Ne Beej Layi Hari Hari Mehndi
 Mere Bhole Ne Beej Layi Bhang Adiyo
 Gaura Ho Gayi Tang Adiyo 

UP Mein Bhole Bhaang Dhatora
 UP Mein Bhole Bhaang Dhatora 
Sang Tunne Mitaya Jhund Bhooto Ka
 Poora Tu Ho Gayi Re Main Utang

 Tu Ho Gayi Re Main Utang
 Tu Bhola Mast Malang 
Bhola Mast Malang 
Gaura Ug Gayi Hari Hari Mehndi
 Gaura Ug Gayi Hari Hari Mehndi 
Mere Bhole Di Ug Fayi Bhang Adiyo

 Gaura Ho Gayi Tang Adiyo
 Sabkom Dewe Mehla Mannare 
Sabkom Dewe Mehla Mannare
 Khudko Bithaya Kailasho Ke Kinare

 Jaane Na Dil Ki Tu Umang 
Jaane Na Dil Ki Tu Umang
 Bhola Mast Malang 
Bhola Mast Malang 

Gaura Ne Tod Layi Hari Hari Mehndi 
Gaura Ne Tod Layi Hari Hari Mehndi 
Mere Bhole Ne Tod Layi Bhang Adiyo
 Gaura Ho Gayi Tang Adiyo Main Odho

 Bhole Shaal Dshaale Main 
Odho Bhole Shaal Dshaale
 Tu Odhe Bhole Megh Ki
 Chaale Mujhko Na Bhaave Tera Dhang
 Mujhko Na Bhaave Tera Dhang 

Tu Bhola Mast Malang
 Bhola Mast Malang 
Bhola Mast Malang
 Bhola Mast Malang


THANK YOU

Monday 13 July 2020

Shree Shiv Amritwani Bhajan lyrics - Anuradha Paudwal | Sawan Maas Special | T Series Bhakti Sagar

July 13, 2020 0
Shree Shiv Amritwani Bhajan lyrics - Anuradha Paudwal | Sawan Maas Special | T Series Bhakti Sagar

Shree Shiv Amritwani  - Anuradha Paudwal 

सीरीज़ भक्ति सागर में "शिव अमृतवाणी" प्रस्तुत है, जिसे अनुराधा पौडवाल ने गाया है और संगीत सुरिंदर कोहली ने दिया है | शिव जी को सावन मास का महीना बहुत पसंद है, इस लिए अगर आप सावन मास में शिव जी की अमृतवाणी सुनते हो तो आपका रोम रोम खुशमाये हो जाता है | 
Shree Shiv Amritwani Bhajan lyrics - Anuradha Paudwal | Sawan Maas Special | T Series Bhakti Sagar

Shiv Amritwani Bhajan lyrics Credits: 

Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Surinder Kohli
Lyricist: Balbir Nirdosh
Album Name: Shiv Amritwani
Music Label: T-Series

Shiv Amritwani  lyrics


शिव अमृत की पावन धारा धो देती हर कष्ट हमारा
शिव का काज सदा सुखदायी शिव के बिन है कौन सहायी
शिव की निसदिन की जो भक्ति देंगे शिव हर भय से मुक्ति
माथे धरो शिव नाम की धुली टूट जायेगी यम कि सूली,

शिव का साधक दुःख ना माने शिव को हरपल सम्मुख जाने
सौंप दी जिसने शिव को डोर लूटे ना उसको पांचो चोर
शिव सागर में जो जन डूबे संकट से वो हंस के जूझे
शिव है जिनके संगी साथी उन्हें ना विपदा कभी सताती, 

शिव भक्तन का पकडे हाथ शिव संतन के सदा ही साथ
शिव ने है बृह्माण्ड रचाया तीनो लोक है शिव कि माया
जिन पे शिव की करुणा होती वो कंकड़ बन जाते मोती
शिव संग तान प्रेम की जोड़ो शिव के चरण कभी ना छोडो, 

शिव में मनवा मन को रंग ले शिव मस्तक की रेखा बदले
शिव हर जन की नस-नस जाने बुरा भला वो सब पहचाने,

अजर अमर है शिव अविनाशी शिव पूजन से कटे चौरासी
यहाँ वहाँ शिव सर्व व्यापकशिव की दया के बनिये याचक,

शिव को दीजो सच्ची निष्ठां होने न देना शिव को रुष्टा
शिव है श्रद्धा के ही भूखे भोग लगे चाहे रूखे-सूखे
भावना शिव को बस में करती प्रीत से ही तो प्रीत है बढ़ती।
शिव कहते है मन से जागो प्रेम करो अभिमान त्यागो।

दुनिया का मोह त्याग के शिव में रहिये लीन ।
सुख-दुःख हानि-लाभ तो शिव के ही है अधीन।
भस्म रमैया पार्वती वल्ल्भ शिव फलदायक शिव है दुर्लभ
महा कौतुकी है शिव शंकर त्रिशूल धारी शिव अभयंकर,

शिव की रचना धरती अम्बर देवो के स्वामी शिव है दिगंबर
काल दहन शिव रूण्डन पोषित होने न देते धर्म को दूषित
दुर्गापति शिव गिरिजानाथ देते है सुखों की प्रभात
सृष्टिकर्ता त्रिपुरधारी शिव की महिमा कही ना जाती,

दिव्या तेज के रवि है शंकर पूजे हम सब तभी है शंकर
शिव सम और कोई और दानी शिव की भक्ति है कल्याणी
सबके मनोरथ सिद्ध कर देते सबकी चिंता शिव हर लेते
बम भोला अवधूत सवरूपा शिव दर्शन है अति अनुपा,

अनुकम्पा का शिव है झरना हरने वाले सबकी तृष्णा
भूतो के अधिपति है शंकर निर्मल मन शुभ मति है शंकर
काम के शत्रु विष के नाशक शिव महायोगी भय विनाशक
रूद्र रूप शिव महा तेजस्वी शिव के जैसा कौन तपस्वी,

शिव है जग के सृजन हारे बंधु सखा शिव इष्ट हमारे
गौ ब्राह्मण के वे हितकारी कोई न शिव सा पर उपकारी
शिव करुणा के स्रोत है शिव से करियो प्रीत
शिव ही परम पुनीत है शिव साचे मन मीत ।

शिव सर्पो के भूषणधारी पाप के भक्षण शिव त्रिपुरारी
जटाजूट शिव चंद्रशेखर विश्व के रक्षक कला कलेश्वर
शिव की वंदना करने वाला धन वैभव पा जाये निराला
कष्ट निवारक शिव की पूजा शिव सा दयालु और ना दूजा,

पंचमुखी जब रूप दिखावे दानव दल में भय छा जावे
डम-डम डमरू जब भी बोले चोर निशाचर का मन डोले
घोट घाट जब भंग चढ़ावे क्या है लीला समझ ना आवे
शिव है योगी शिव सन्यासी शिव ही है कैलास के वासी, 

शिव का दास सदा निर्भीक शिव के धाम बड़े रमणीक
शिव भृकुटि से भैरव जन्मे शिव की मूरत राखो मन में
शिव का अर्चन मंगलकारी मुक्ति साधन भव भयहारी
भक्त वत्सल दीन द्याला ज्ञान सुधा है शिव कृपाला,

शिव नाम की नौका है न्यारी जिसने सबकी चिंता टारी
जीवन सिंधु सहज जो तरना शिव का हरपल नाम सुमिरना
तारकासुर को मारने वाले शिव है भक्तो के रखवाले
शिव की लीला के गुण गाना शिव को भूल के ना बिसराना,

अन्धकासुर से देव बचाये शिव ने अद्भुत खेल दिखाये
शिव चरणो से लिपटे रहिये मुख से शिव शिव जय शिव कहिये
भस्मासुर को वर दे डाला शिव है कैसा भोला भाला
शिव तीर्थो का दर्शन कीजो मन चाहे वर शिव से लीजो,

शिव शंकर के जाप से मिट जाते सब रोग
शिव का अनुग्रह होते ही पीड़ा ना देते शोक
ब्र्हमा विष्णु शिव अनुगामी शिव है दीन – हीन के स्वामी
निर्बल के बलरूप है शम्भु प्यासे को जलरूप है शम्भु,

रावण शिव का भक्त निराला शिव ने दी दश शीश कि माला
गर्व से जब कैलाश उठाया शिव ने अंगूठे से था दबाया,

दुःख निवारण नाम है शिव का रत्न है वो बिन दाम शिव का
शिव है सबके भाग्यविधाता शिव का सुमिरन है फलदाता
महादेव शिव औघड़दानी बायें अंग में सजे भवानी
शिव शक्ति का मेल निराला शिव का हर एक खेल निराला,

शम्भर नामी भक्त को तारा चन्द्रसेन का शोक निवारा
पिंगला ने जब शिव को ध्याया देह छूटी और मोक्ष पाया
गोकर्ण की चन चूका अनारी भव सागर से पार उतारी
अनसुइया ने किया आराधन टूटे चिन्ता के सब बंधन,

बेल पत्तो से पूजा करे चण्डाली शिव की अनुकम्पा हुई निराली
मार्कण्डेय की भक्ति है शिव दुर्वासा की शक्ति है शिव
राम प्रभु ने शिव आराधा सेतु की हर टल गई बाधा
धनुषबाण था पाया शिव से बल का सागर तब आया शिव से,

श्री कृष्ण ने जब था ध्याया दश पुत्रों का वर था पाया
हम सेवक तो स्वामी शिव है अनहद अन्तर्यामी शिव है
दीन दयालु शिव मेरे, शिव के रहियो दास
घट – घट की शिव जानते , शिव पर रख विश्वास,

परशुराम ने शिव गुण गाया कीन्हा तप और फरसा पाया
निर्गुण भी शिव निराकार शिव है सृष्टि के आधार
शिव ही होते मूर्तिमान शिव ही करते जग कल्याण
शिव में व्यापक दुनिया सारी शिव की सिद्धि है भयहारी, 

शिव ही बाहर शिव ही अन्दर शिव ही रचना सात समुन्द्र
शिव है हर इक के मन के भीतर शिव है हर एक कण – कण के भीतर
तन में बैठा शिव ही बोले दिल की धड़कन में शिव डोले
‘हम’ कठपुतली शिव ही नचाता नयनों को पर नजर ना आता,

Shree Shiv Amritwani Bhajan lyrics - Anuradha Paudwal | Sawan Maas Special | T Series Bhakti Sagar

माटी के रंगदार खिलौने साँवल सुन्दर और सलोने
शिव हो जोड़े शिव हो तोड़े शिव तो किसी को खुला ना छोड़े
आत्मा शिव परमात्मा शिव है दयाभाव धर्मात्मा शिव है
शिव ही दीपक शिव ही बाती शिव जो नहीं तो सब कुछ माटी, 

सब देवो में ज्येष्ठ शिव है सकल गुणो में श्रेष्ठ शिव है
जब ये ताण्डव करने लगता बृह्माण्ड सारा डरने लगता
तीसरा चक्षु जब जब खोले त्राहि त्राहि यह जग बोले
शिव को तुम प्रसन्न ही रखना आस्था लग्न बनाये रखना,

विष्णु ने की शिव की पूजा कमल चढाऊँ मन में सुझा
एक कमल जो कम था पाया अपना सुंदर नयन चढ़ाया
साक्षात तब शिव थे आये कमल नयन विष्णु कहलाये
इन्द्रधनुष के रंगो में शिव संतो के सत्संगों में शिव,

महाकाल के भक्त को मार ना सकता काल
द्वार खड़े यमराज को शिव है देते टाल,

यज्ञ सूदन महा रौद्र शिव है आनन्द मूरत नटवर शिव है
शिव ही है श्मशान के वासी शिव काटें मृत्युलोक की फांसी
व्याघ्र चरम कमर में सोहे शिव भक्तों के मन को मोहे
नन्दी गण पर करे सवारी आदिनाथ शिव गंगाधारी,

काल में भी तो काल है शंकर विषधारी जगपाल है शंकर
महासती के पति है शंकर दीन सखा शुभ मति है शंकर
लाखो शशि के सम मुख वाले भंग धतूरे के मतवाले
काल भैरव भूतो के स्वामी शिव से कांपे सब फलगामी, 

शिव है कपाली शिव भस्मांगी शिव की दया हर जीव ने मांगी
मंगलकर्ता मंगलहारी देव शिरोमणि महासुखकारी
जल तथा विल्व करे जो अर्पण श्रद्धा भाव से करे समर्पण
शिव सदा उनकी करते रक्षा सत्यकर्म की देते शिक्षा,

वासुकि नाग कण्ठ की शोभा आशुतोष है शिव महादेवा
विश्वमूर्ति करुणानिधान महा मृत्युंजय शिव भगवान
शिव धारे रुद्राक्ष की माला नीलेश्वर शिव डमरू वाला
पाप का शोधक मुक्ति साधन शिव करते निर्दयी का मर्दन,

शिव सुमरिन के नीर से धूल जाते है पाप
पवन चले शिव नाम की उड़ते दुख संताप
पंचाक्षर का मंत्र शिव है साक्षात सर्वेश्वर शिव है
शिव को नमन करे जग सारा शिव का है ये सकल पसारा,

क्षीर सागर को मथने वाले ऋद्धि सीधी सुख देने वाले
अहंकार के शिव है विनाशक धर्म-दीप ज्योति प्रकाशक
शिव बिछुवन के कुण्डलधारी शिव की माया सृष्टि सारी
महानन्दा ने किया शिव चिन्तन रुद्राक्ष माला किन्ही धारण,

भवसिन्धु से शिव ने तारा शिव अनुकम्पा अपरम्पारा
त्रि-जगत के यश है शिवजी दिव्य तेज गौरीश है शिवजी
महाभार को सहने वाले वैर रहित दया करने वाले
गुण स्वरूप है शिव अनूपा अम्बानाथ है शिव तपरूपा,

शिव चण्डीश परम सुख ज्योति शिव करुणा के उज्ज्वल मोती
पुण्यात्मा शिव योगेश्वर महादयालु शिव शरणेश्वर
शिव चरणन पे मस्तक धरिये श्रद्धा भाव से अर्चन करिये
मन को शिवाला रूप बना लो रोम रोम में शिव को रमा लो,

दशों दिशाओं मे शिव दृष्टि सब पर शिव की कृपा दृष्टि
शिव को सदा ही सम्मुख जानो कण-कण बीच बसे ही मानो
शिव को सौंपो जीवन नैया शिव है संकट टाल खिवैया
अंजलि बाँध करे जो वंदन भय जंजाल के टूटे बन्धन,

जिनकी रक्षा शिव करे मारे न उसको कोय
आग की नदिया से बचे बाल ना बांका होय
शिव दाता भोला भण्डारी शिव कैलाशी कला बिहारी
सगुण ब्रह्म कल्याण कर्ता विघ्न विनाशक बाधा हर्ता,

शिव स्वरूपिणी सृष्टि सारी शिव से पृथ्वी है उजियारी
गगन दीप भी माया शिव की कामधेनु है छाया शिव की
गंगा में शिव , शिव मे गंगा शिव के तारे तुरत कुसंगा
शिव के कर में सजे त्रिशूला शिव के बिना ये जग निर्मूला,

स्वर्णमयी शिव जटा निराळी शिव शम्भू की छटा निराली
जो जन शिव की महिमा गाये शिव से फल मनवांछित पाये
शिव पग पँकज सवर्ग समाना शिव पाये जो तजे अभिमाना
शिव का भक्त ना दुःख मे डोलें शिव का जादू सिर चढ बोले,

परमानन्द अनन्त स्वरूपा शिव की शरण पड़े सब कूपा
शिव की जपियो हर पल माळा शिव की नजर मे तीनो क़ाला
अन्तर घट मे इसे बसा लो दिव्य जोत से जोत मिला लो
नम: शिवाय जपे जो स्वासा पूरीं हो हर मन की आसा.

परमपिता परमात्मा पूरण सच्चिदानन्द
शिव के दर्शन से मिले सुखदायक आनन्द,

शिव से बेमुख कभी ना होना शिव सुमिरन के मोती पिरोना
जिसने भजन है शिव के सीखे उसको शिव हर जगह ही दिखे
प्रीत में शिव है शिव में प्रीती शिव सम्मुख न चले अनीति
शिव नाम की मधुर सुगन्धी जिसने मस्त कियो रे नन्दी,

शिव निर्मल ‘निर्दोष’ ‘संजय’ निराले शिव ही अपना विरद संभाले
परम पुरुष शिव ज्ञान पुनीता भक्तो ने शिव प्रेम से जीता
आंठो पहर अराधीय ज्योतिर्लिंग शिव रूप
नयनं बीच बसाइये शिव का रूप अनूप,

लिंग मय सारा जगत हैं
लिंग धरती आकाश
लिंग चिंतन से होत हैं सब पापो का नाश,

लिंग पवन का वेग हैं लिंग अग्नि की ज्योत
लिंग से पाताल हैँ लिंग वरुण का स्त्रोत
लिंग से हैं वनस्पति लिंग ही हैं फल फूल
लिंग ही रत्न स्वरूप हैं लिंग माटी निर्धूप,

लिंग ही जीवन रूप हैं लिंग मृत्युलिंगकार
लिंग मेघा घनघोर हैं लिंग ही हैं उपचार
ज्योतिर्लिंग की साधना करते हैं तीनो लोग
लिंग ही मंत्र जाप हैं लिंग का रूम श्लोक
लिंग से बने पुराण लिंग वेदो का सार
रिधिया सिद्धिया लिंग हैं लिंग करता करतार
प्रातकाल लिंग पूजिये पूर्ण हो सब काज
लिंग पे करो विश्वास तो लिंग रखेंगे लाज,

सकल मनोरथ से होत हैं दुखो का अंत
ज्योतिर्लिंग के नाम से सुमिरत जो भगवंत
मानव दानव ऋषिमुनि ज्योतिर्लिंग के दास
सर्व व्यापक लिंग हैं पूरी करे हर आस
शिव रुपी इस लिंग को पूजे सब अवतार
ज्योतिर्लिंगों की दया सपने करे साकार,

लिंग पे चढ़ने वैद्य का जो जन ले परसाद
उनके ह्रदय में बजे… शिव करूणा का नाद
महिमा ज्योतिर्लिंग की जाएंगे जो लोग
भय से मुक्ति पाएंगे रोग रहे न शोब,

शिव के चरण सरोज तू ज्योतिर्लिंग में देख
सर्व व्यापी शिव बदले भाग्य तीरे
डारीं ज्योतिर्लिंग पे गंगा जल की धार
करेंगे गंगाधर तुझे भव सिंधु से पार
चित सिद्धि हो जाए रे लिंगो का कर ध्यान
लिंग ही अमृत कलश हैं लिंग ही दया निधान,

ॐ नमः शिवाय ….. 

ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये ॐ 
नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये 
ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये ॐ नम: शिवाये


THANK YOU

Wednesday 8 July 2020

Shree Sai Baba Aarti Lyric - shirdi ke sai baba | sai baba bhagan | sai baba song 2020

July 08, 2020 0
Shree Sai Baba Aarti Lyric - shirdi ke sai baba | sai baba bhagan | sai baba song 2020

श्री साई बाबा आरती


श्री साईं बाबा हमारे गुरु और हमारे भगवान है, वे भगवान  विष्णु जी  का अवतार है मान्यता है की इस कलयुग में साईं बाबा का व्रत करने से आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है बाबा की आराधना करते वक्त उनकी आरती भी करनी चाहिए सभी साईं बाबा मंदिर में श्री साईं बाबा धुप आरती रोज शाम को होती है |
Shree Sai Baba Aarti Lyric - shirdi ke sai baba | sai baba bhagan | sai baba song 2020

श्री साई बाबा आरती लिरिक्स 


आरती श्री साई गुरुवर की परमानंद सदा सुरवर की,
 जाके कृपा विपुल सुख कारी दुःख शोक संकट भ्ररहारी आरती श्री साई गुरुवर की

शिर्डी में अवतार रचाया चमत्कार से तत्व दिखाया,
 कितने भक्त शरण में आए वे सुख शांति निरंतर पाए आरती श्री साई गुरुवार की

भाव धरे जो मन मैं जैसा साई का अनुभव हो वैसा,
 गुरु को उदी लगावे तन को समाधान लाभ उस तन को आरती श्री साई गुरुवर की

साईं नाम सदा जो गावे सो फल जग में साश्वत पावे,
 गुरुवार सदा करे पूजा सेवा उस पर कृपा करो गुरु देवा आरती श्री साई गुरुवर की

राम कृष्ण हनुमान रूप में दे दर्शन जानत जो मन में,
 विविध धरम के सेवक आते दर्शनकर इचित फल पाते आरती श्री साई गुरुवर की.

जय बोलो साईं बाबा की जय बोलो अवधूत गुरु की,
 साई की आरती जो कोई गावे घर में बसी सुख मंगल पावे आरती श्री साई गुरुवर की

अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक राजा धिराज योगी राज ,
जय जय जय साई बाबा की आरती श्री साई गुरुवर की परमानंद सुरवर की


THANK YOU

Monday 6 July 2020

Shree Shiv Chalisa Lyric In Hindi - Anuradha Paudwal | Shekhar Sen | T-Series |

July 06, 2020 0
Shree Shiv Chalisa Lyric In Hindi - Anuradha Paudwal | Shekhar Sen | T-Series   |

Shree Shiv Chalisa - Anuradha Paudwal

शिवजी देवो के देव महादेव हैं | शिवजी की महिमा से पूरा संसार अवगत है, वो आ जन्मे है, उनका न कोई रूप है न कोई रंग | सारा संसार उनको भोलेनाथ बोलती है | शिवजी  की आराधना के लिए सबसे आसान मंत्र है "ऊं नम: शिवाय"। इस मंत्र के साथ शिवजी की पूजा में शिव चालीसा का भी उपयोग किया जाता है। शिव चालीसा हिन्दू धार्मिक पुस्तकों में भी वर्णित है। 
Shree Shiv Chalisa Lyric In Hindi - Anuradha Paudwal | Shekhar Sen | T-Series   |

Shree Shiv Chalisa Lyric credits:

Singer: Anuradha Paudwal
Composer: Shekhar Sen
Lyricist: Traditional 
Music Label: T-Series 

।।दोहा।।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥


जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥दोहा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥



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Thursday 18 June 2020

Shree Ganesh Chathurthi 2020 :Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics

June 18, 2020 0
Shree Ganesh Chathurthi 2020 :Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics

 Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics


जय गणेश देव सभी भक्ति आरतियों में सबसे लोकप्रिय और आकर्षक आरती है। पारंपरिक रूप से महादेव शिव के पुत्र है| गणेश चतुर्थी इस वर्ष 05 सितम्बर  शनिवार को है,  मन जाता है की भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले सभी देवताओं में की जाती है। भगवान गणेश ज्ञान का सागर है और शुभ कार्यों को करते हुए आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हैं। इसलिए सभी पूजा और शुभ कार्यों को शुरू करते हुए भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

Shree Ganesh Chathurthi 2020 :Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics


Shree Ganesh ji ki Aarti Lyrics credits :

GANESH BHAJAN: JAI GANESH DEVA AARTI
SINGER: ANURADHA PAUDWAL
MUSIC DIRECTOR: ARUN PAUDWAL
LYRICS: TRADITIONAL
ALBUM: OM JAI JAGDISH HARE (AARTI SANGRAH)
MUSIC LABEL: T-SERIES


Ganesh ji ki Aarti Lyrics


मंत्र

व्रकतुंड महाकाय, सूर्यकोटी समप्रभाः। निर्वघ्नं कुरु मे देव, सर्व कार्ये रुधु सवर्दा।। ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्। उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्।।


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥




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Tuesday 26 May 2020

SHREE HANUMAN CHALISHA LYRIC IN PUNJABI

May 26, 2020 0
SHREE HANUMAN CHALISHA LYRIC IN PUNJABI

SHREE HANUMAN CHALISHA


ਜਿਹੜੇ ਲੋਕ ਪੂਰੀ ਸ਼ਰਧਾ ਨਾਲ ਨਿਯਮਿਤ ਤੌਰ 'ਤੇ ਹਨੂਮਾਨ ਚਾਲੀਸਾ ਦਾ ਜਾਪ ਕਰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਅਤੇ ਧਨ ਦੀ ਪੱਕੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਪਵੇਗੀ. ਹਨੂੰਮਾਨ ਚਾਲੀਸਾ ਦਾ ਜਾਪ ਕਰਨ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਵੀ ਬਿਮਾਰੀ ਜਾਂ ਬਿਪਤਾ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਮਿਲੇਗਾ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਖੁਸ਼ਹਾਲੀ ਵੀ ਆਵੇਗ.

Shree Hanuman chalisha Lyric

Shree Hanuman chalisha Lyric credits :-

Music Label : T-Series
Album: Shree Hanuman Chalisa - Hanuman Ashtak
Singer: Hariharan
Composer: LALIT SEN, CHANDER

Shree Hanuman chalisha Lyric


ਦੋਹਾ॥ 

ਸ਼੍ਰੀਗੁਰੁ ਚਰਨ ਸਰੋਜ ਰਾਜ ਨਿਜਾ ਮਨੁ ਮੁਕੁਰੁ ਸੁਦਾਰੀ॥ 
ਬਰਨੌਨ ਰਘੁਬਰ ਬਿਮਲ ਜਸੁ ਜੋ ਦਇਕੁ ਫਲ ਚਰਿ॥

 ਦਿਮਾਗ ਰਹਿਤ ਤਨੁ ਜਾਨਿਕ ਸੁਮੀਰੂਨ ਪਵਨ-ਕੁਮਾਰ।
 ਬਾਲ ਬੁਧਿ ਬਿਦਿਆ ਦੇਹੁ ਮੋਹਿਨ ਹਰਹੁ ਕਾਲੇ ਬਿਕਰ॥


॥चौपाई॥


ਹੇਲਮਾਨ ਮਾਲਕ ਹਨੂੰਮਾਨ
 ਜੈ ਕਪਿਸ ਤਿਹੁ ਲੋਕ ਉਜਾਰਾ

 ਰਾਮ ਦੂਤ ਅਤੁਲਿਤ ਬਾਲ ਧਾਮਾ। 
ਅੰਜਨੀ-ਪੁਤ੍ਰ ਪਵਨਸੁਤ ਨਾਮ 

ਮਹਾਬੀਰ ਬਿਕਰਮ ਬਜਰੰਗੀ.
 ਕੁਮਤਿ ਨਿਵਾਰਨ ਸੁਮਤਿ ਦੀ ਸੰਗਿ ॥

ਕੰਚਨ ਬਾਰਨ ਬਿਰਾਜ ਸੁਬੇਸਾ। 
ਕਾਨਨ ਕੁੰਡਲ ਕੁੰਚਿਤਾ ਕੇਸਾ 
 ਹੱਥ, ਹੱਥ ਅਤੇ ਝੰਡੇ ਕੰਡੇਹ ਮੂੰਗ ਜਾਨੁ ਸਜਾਇ ||

ਸੰਕਰ ਸੁਵਾਨ ਕੇਸਰਿਨੰਦਨ। 
ਤੇਜ ਪ੍ਰਤਾਪ ਮਹਾ ਜਗ ਬੰਦਨ ॥६॥

ਬਿਦਯਵਾਨ ਗੁਣੀ ਅਤਿ ਚਤੁਰ |
ਰਾਮ ਕਾਜ ਕਰਿਬੇ ਕੋ ਅਗਰ ॥७॥

ਤੁਸੀਂ ਰੱਬ ਦੀ ਮਹਿਮਾ ਨੂੰ ਸੁਣ ਕੇ ਖ਼ੁਸ਼ ਹੁੰਦੇ ਹੋ |
 ਰਾਮ ਲਖਨ ਸੀਤਾ ਮਨ ਬਸਿਆ ॥

ਸੂਖਮ ਰੂਪ ਦਿਖਾਓ ਬਿਕ੍ਰਤ 
ਰੂਪ ਧਾਰੀ ਲੰਕ ਜੜਵਾ ॥९॥ 

ਭੀਮ ਰੂਪ ਧਾਰਿ ਅਸੁਰ ਸ਼ਾਂਤਰ 
ਰਾਮ ਚੰਦਰ ਕੇ ਕਾਜ ਸੰਨਾਰੇ ॥

ਲਾਇ ਸੰਜੀਵਨ ਲਖਨ ਜੀਯੇ 
ਸ੍ਰੀ ਰਘੁਬੀਰ ਹਰਸ਼ੀ ਉਰ ਲਾਏ ॥ 

ਰਘੁਪਤੀ ਕਿਹਾਨੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਹੈ। 
ਪਿਆਰੇ ਮਾਮੇ ਪਿਆਰੇ ਭਾਰਥੀ ਸਮ ਭਾਈ ||


ਸਹਸ ਬਦਨ ਤੁਹਿਮਰੋ ਜਸ ਗਾਵੈਣ।
 ਜੈਸੇ ਕਹੀ ਸ੍ਰੀਪਤੀ ਕਾਂਤ ਲਗਵਾਨ ॥ 

ਸਨਕਾਦਿਕ ਬ੍ਰਹਮੀ ਮੁਨੀਸ਼ਾ। ਅਹੀਸਾ 
ਸਮੇਤ ਨਾਰਦਾ ਸਰਦ ||

ਜਮ ਕੁਬੇਰ ਦਿਗਪਾਲ ਜਹਾਂ ਤੇ |
ਕਿੱਥੇ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹੋ ਕਬੀ ਕੋਬੀਡ ||

ਤੁਸੀਂ ਸੁਗਰੀਵਿਨ ਦਾ ਪੱਖ ਪੂਰਦੇ ਹੋ 
ਰਾਮ ਮਿਲੈ ਰਾਜ ਪਦ ਦਿਹਾਨਾ ॥ 

ਤੁਹਮ੍ਰੋ ਮੰਤ੍ਰ ਬਿਭਿਸ਼ਨ ਸਮਝੇ। 
ਲਾਕੇਸ਼ਵਰ ਭਾਈ ਸਭ ਜਗਾ ਜਾਨ ||

ਭਾਣੁ ਜੁਗ ਸਹਸਰਾ ਜੋਜਨ ਤੇ |
ਲਿਲੀਓ ਤਾ ਮਧੁਰ ਫਲ ਜਾਨੁ ॥


ਪ੍ਰਭੁ ਮਦਰਿਕਾ ਮੇਲਿ ਮੁਖਿ |
ਜਲੰਧੀ ਹੈਰਾਨ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ||

 ਅਪਹੁੰਚ ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਕੈਦੀ 
ਨਿਰਮਲ ਕਿਰਪਾ ਤੁਹਿਮੇਰ ਤਾਟੇ ॥

 ਭਗਵਾਨ ਰਾਮ ਸਾਡੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ |
ਹਾਟ ਨ ਕਮਾਂਦੇ ਬਿਨੁ ਪਾਸਾਰੇ || 

ਤੁਹਾਡੀ ਸਾਰੀ ਖੁਸ਼ੀ ਤੁਹਾਡੀ ਹੈ | 
ਕਾਤਲ ਕਾਹੂ ਤੋਂ ਨਾ ਡਰੋ ||

ਤੁਹਾਡੇ ਤੇਜ਼ ਦੋਸਤ ਸਾਰੇ ਤਿੰਨੇ |
ਲੋਕ ਕਾਮਪਾਈ ਵਿਚ ਹਨ  ||

ਭੂਤ ਪੀਸਾਕ ਨੇੜੇ ਨਹੀਂ ਹੈ |
ਮਹਾਬੀਰ ਜਬ ਨਾਮ ਸੁਣਾਵੈ ||

ਨਸੈ ਰੋਗ ਹਰੈ ਸਬ ਪੀਰਾ |
 ਜਪਤ ਨਿਰੰਤਾਰ ਹਨੁਮਤ ਬੀਰਾ ॥ 

ਹਨੁਮਾਨ ਚੁਦਾਵੀ ਮਨ ਕ੍ਰਮ ਸੇਵਕ ਧਿਆਨ ਜੋ ਕਿ |
 ਹੈ ਸਭ ਤੇ ਰਾਮ ਤਪੱਸਵੀ ਪਾਤਸ਼ਾਹ ||

ਅਤੇ ਜੋ ਇਸ ਲਈ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਇੱਛਾ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ |
 ਸੋਈ ਅਮਿਤ ਜੀਵਨ ਫਲ ਪਾਵੈ ॥ 

ਚਾਰ ਜੁਗ ਪ੍ਰਤਾਪ ਤੁਮਹਾਰਾ। 
ਪਰਸਿਥਾ ਜਗਤ ਉਜੀਰਾ ॥

 ਤੁਸੀਂ ਭਿਕਸ਼ੂ ਸੰਤਾਂ ਨੂੰ ਰੱਖੋ |
ਅਸੁਰ ਨਿਕੰਦਨ ਰਾਮ ਦੁਲਾਰੇ ॥ 

ਅਸ਼ਟਸਿਧੀ ਨੌਂ ਫੰਡਾਂ ਦਾ ਦਾਨੀ। 
ਜੈਸੇ ਬਾਰ ਦੀਨ ਜਾਨਕੀ ਮਾਤਾ ||


ਰਾਮ ਰਸਾਇਣ ਤੁਮਹਾਰੇ ਪਾਸਿ॥ 
ਸਦਾ ਰਾਓ ਰਘੂਪਤੀ ਦਾ ਦਾਸਾ ||

ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਅਰਦਾਸਾਂ ਰਾਮ ਨੂੰ ਹਨ |
ਜਨਮ ਜਨਮ ਬਿਸਰਾਓ ਦੀ ਉਦਾਸੀ ||

 ਰਘੁਬਰ ਪੁਰ ਜਾਇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਸੀ। 
ਜਿਥੇ ਹਰਿਭਗਤ  ||

ਦਾ ਜਨਮ ਹੋਇਆ ਸੀ ਅਤੇ ਰੱਬ |
ਨੇ ਕੋਈ ਇਤਰਾਜ਼ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ||

 ਹਨੁਮਤ ਸੇਈ ਸਰਬ ਸੁਖ ਕਰੈ ॥ 
ਸਿੰਤਾ ਕਟਾਈ ਨੇ ਸਾਰਾ ਪੀਰਾ ਮਿਟਾ ਦਿੱਤਾ। 
ਜੋ ਸੁਮਿਰੈ ਹਨੁਮਤ ਬਲਬੀਰਾ  |

ਜੈ ਜੈ ਜੈ ਹਨੂੰਮਾਨ ਗੋਸਾਈਂ |
 ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰਹੁ ਗੁਰੁਦੇਵ ||

 ਜਿਹੜਾ ਵੀ ਇਸ ਨੂੰ |
 ਵਾਰ ਸੁਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ||

ਚੁਟਹਿ ਬੰਦੀ ਮਹਾਂ ਸੁਖ ਹੋਇ |
ਜਿਹੜਾ ਇਸ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਦਾ ਹੈ ||

ਉਹ ਹਨੁਮਾਨ ਚਾਲੀਸਾ ਹੈ |
 ਹੋਇ ਸਿਧਿ ਸਾਖੀ ਗੌਰੀਸਾ ॥ 

ਤੁਲਸੀਦਾਸ ਸਦਾ ਹਰਿ ਚੇਰਾ |
ਕਿਜੈ ਨਾਥ ਦਿਲ ਮਹਾ ਡੇਰਾ ||


||ਦੋਹਾ॥

ਪਵਨਤਨਯ ਸਰਤ ਹਰਨ ਮੰਗਲ ਮੂਰਤਿ ਰੂਪ। 
ਹਿਰਦ ਬਾਸ਼ੁ ਸੁਰ ਭੂਪ ਸਮੇਤ ਰਾਮ ਲਖਨ ਸੀਤਾ ||



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Monday 18 May 2020

Shiv ji ki aarti lyrics in Hindi 2020

May 18, 2020 0
Shiv ji ki aarti lyrics in Hindi 2020

Shiv ji aarti 

शिव को हिंदुओं का सर्वोच्च देवता माना जाता है।  यह आरती (भक्ति गीत) उनके भक्तों द्वारा उनकी महिमा में गाया जाता है।  उन्हें अक्सर अपनी पत्नी पार्वती और बच्चों के साथ या कॉस्मिक डांसर के रूप में गहरे ध्यान में डूबे हुए दिखाया जाता है।


Shiv ji ki aarti lyric


शिव जी की आरतीl


जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन पंचांनन राजे |
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा

दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें |
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ॐ जय शिव ओंकारा

अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी |
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा

श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें |
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगें॥ ॐ जय शिव ओंकारा

कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता |
जगकर्ता, जगभर्ता, जगससंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव ओंकारा 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी |
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें |
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥ ॐ जय शिव ओंकारा

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा


Thank you